सपना चाहे IAS बनने का हो, इंजीनियर बनने का या शिक्षक—हर छात्र की आंखों में एक चमक होती है। बिहार जैसे राज्य में, जहां संघर्ष ही ज़िंदगी का हिस्सा है, वहां एक नौकरी सिर्फ ज़रिया नहीं, सम्मान और स्थिरता का सपना होता है। लेकिन जब परीक्षा से पहले ही सवालों के जवाब बिकने लगें, तो समझ लीजिए कि सिर्फ पेपर नहीं, सपने लीक हो रहे हैं।
जब परीक्षा से पहले ही सब तय हो जाए...
2025 की बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा (BTET) और SSC जूनियर क्लर्क परीक्षा को लेकर लाखों छात्र दिन-रात मेहनत कर रहे थे। गांवों से शहरों तक का सफर, मां की बचाई पाई-पाई, बाप की उम्मीदें—all in.
लेकिन परीक्षा से एक दिन पहले ही WhatsApp ग्रुप्स पर पेपर वायरल होने लगा। पहले कुछ ने इसे अफवाह समझा, लेकिन परीक्षा वाले दिन जैसे ही वही सवाल सामने आए—हर छात्र का भरोसा टूट गया।
"मैंने दो साल तैयारी की... और वही सवाल आए जो मैंने रात में देखे थे। ये मेरी मेहनत का अपमान है।" — एक अभ्यर्थी, पटना सेंटर से।
घोटाले की गहराई और साजिश का जाल
इस घोटाले में शामिल हैं शिक्षा माफिया, सरकारी कर्मचारी, और कुछ राजनीतिक साये।
छह जिलों में छापेमारी हुई। लाखों रुपये नकद, फर्जी आईडी कार्ड और परीक्षा सामग्री जब्त की गई। कई कोचिंग संस्थानों की भूमिका भी जांच के घेरे में है।
"ये सिर्फ पेपर लीक नहीं, ये सिस्टम की सड़न है। जब तक अंदर के लोग मिले नहीं होते, इतनी बड़ी चोरी नामुमकिन है।" — पूर्व IPS अधिकारी।
जब सपनों से विश्वास छिनता है
राजू, गया: खेतिहर मजदूर का बेटा, सालों की मेहनत के बाद टॉपर बना, लेकिन पेपर लीक से सिलेक्शन अटका
नेहा, समस्तीपुर: अकेली लड़की जो कोचिंग जाती थी—अब कहती है, "फिर से वही सिलेबस पढ़ना है... हिम्मत नहीं होती।"
फिरदौस, किशनगंज: मस्जिद के बाहर बैठकर रोज़ पढ़ती थी—अब कहती है, "सिस्टम पर भरोसा ही नहीं रहा।"
इन कहानियों में दर्द भी है और आक्रोश भी।
सोशल मीडिया की आवाज़ और युवाओं की चेतावनी
#JusticeForStudents पूरे देश में ट्रेंड करने लगा। YouTube पर छात्र रोते हुए कह रहे थे — "हमसे मेहनत मत मांगो, अगर लिस्ट पहले से तय है।"
Twitter पर पुराने छात्र और शिक्षक भी बोले:
"हर बार यही होता है — पेपर लीक, विरोध, एफआईआर, फिर सब चुप। यही सिस्टम का pattern बन गया है।"
सरकार की प्रतिक्रिया और छात्रों की मांगें
सरकार ने विशेष जांच टीम (SIT) बनाई है। कुछ गिरफ्तारियां हुई हैं। लेकिन छात्रों की मांग है:
परीक्षा दोबारा ली जाए
दोषियों को सख्त सजा मिले
मानसिक और आर्थिक सहयोग भी मिले
जब उम्मीद की आंखों में आंसू होते हैं
ये सिर्फ बिहार की कहानी नहीं। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश—हर जगह कभी ना कभी ये हुआ है। लेकिन pattern एक जैसा है:
मेहनती छात्र ठगे जाते हैं
सरकार जांच दिखाती है
और असली दोषी फिर सिस्टम में लौट आते हैं
लेकिन 2025 में फर्क यह है कि छात्र अब चुप नहीं हैं। वे आवाज़ उठा रहे हैं। सोशल मीडिया अब उनकी ताकत बन चुकी है।
हमारे हक़ का पेपर मत लीक करो, वरना हमारी कलम ही क्रांति बन जाएगी

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