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बेंगलुरु में रैपिडो ड्राइवर ने महिला यात्री को मारा थप्पड़ – लापरवाही से गाड़ी चलाने पर टोका तो जवाब में हिंसा मिली।

 

               बेंगलुरु में रैपिडो ड्राइवर ने महिला यात्री को मारा थप्पड़ महिला गिरी दूर जाकर।  

बेंगलुरु | जून 2025

अब ये खबर सिर्फ थप्पड़ की नहीं, बल्कि उस पूरे सिस्टम पर सवाल उठाती है जिसकी वजह से शोधर्गित लापरवाही और हिंसा दोनों सहन करने पड़े। ऐसी लापरवाही सहन नहीं की जानी चाहिए । 

घटना उस दिन हुई जब महिला ने रैपिडो ड्राइवर की लापरवाही—ओवरटेक, ज़ेब्रा क्रॉसिंग पर तेज़ रफ्तार—पर टोका। ड्राइवर ने फिर बहस शुरू की और हिंसा तक जा पहुँचा। जब सब कुछ शांत लग रहा था, तभी ये एक थप्पड़ बन गया जिसने भरोसे की दीवारों को हिला दिया। महिला थप्पड़ लगने के बाद नीचे जा गिरी जिसके बाद उसने उठकर उसका विरोध किया । लेकिन जो इस महिला के साथ हुआ कल को किसी ओर के साथ भी हो सकता है इसलिए हमे सतर्क रहने की जरूरत है। इसके बाद अब इन अप्प्स पर कौन भरोसा करना चाहेगा । 

अब, इस घटना के चंद ही दिनों बाद, राज्य सरकार और हाई कोर्ट की कार्रवाई तेज़ हुई—और 16 जून 2025 से बेंगलुरु समेत पूरे कर्नाटक में बाइक टैक्सी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। 

 बाइक टैक्सी प्रतिबंध – क्या-क्या है मामला?

  • हाई कोर्ट ने अप्रैल में आदेश दिया था कि बिना रफ्तार नियम और गाइडलाइंस के बाइक टैक्सी अनुमति नहीं—और 6 हफ्ते में सेवाएं बंद करनी होंगी

  • सरकार ने पांच जून तक समय दिया, लेकिन अब 16 जून को इसी आदेश को लागू कर दिया गया

  • बाइक टैक्सी समुदाय—विशेषकर रैपिडो, उबेर, ओला ड्राइवर—ने राहुल गांधी और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से हस्तक्षेप की गुहार लगाई ताकि रोज़गार पर असर ना हो। 

प्रतिक्रियाएँ और असर

  • रैपिडो ने अपनी बाइक टैक्सी सेवाओं को “paused” कर दिया है, जबकि Ola और Uber पर अभी भी कुछ कोर्ट ऑन गुज़र रहा है—कुछ जगहों पर सेवाएं बंद, कुछ जगहें चल रही हैं। 

  • कम्यूटर्स नाराज़ हैं—#KarnatakaWantsBikeTaxis ट्रेंड कर रहा है, लोग कह रहे हैं कि ट्रैफ़िक के बीच बाइक टैक्सी एक जरूरी विकल्प था

  • करीब 600,000 दर्जन गिग-वर्कर्स का रोज़गार प्रभावित—ब्लॉक, हाई कोर्ट और IT इंडस्ट्री समूहों ने स्पष्ट नीति बनाने की मांग उठाई

सवाल अब भी हवा में:

  1. क्या महिलाओं की सुरक्षा, जैसे थप्पड़ की घटना, ही ये कारण है?

  2. क्या लापरवाही की शिकायत करने तक हमारी आवाज़ दबा दी जाएगी?

  3. बिना व्यापक नीति के यह प्रतिबंध केवल समस्या को टालना है या असली समाधान?

  4. इसका कोई सटीक समाधान होना चाहिए ऐसे प्रतिबंध लगाने से सुविधा पर भी तो असर होगा इसका। 

  5. क्या रैपिडो, Ola और Uber बंद करने से इस समस्या का समाधान हो पाएगा। 

  6. क्या इससे लोगों को हो रही सुविधा पर असर नहीं होगा । 

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