भारत के टेस्ट क्रिकेट इतिहास में तिहरा शतक लगाने वाले बेहद कम खिलाड़ियों में से एक हैं करुण नायर। लेकिन उनका करियर जितनी तेजी से ऊपर गया, उतनी ही रहस्यमय चुप्पी में गायब भी हो गया। अब, वर्षों बाद करुण नायर ने एक बड़ा खुलासा किया है कि कैसे उन्हें एक दिग्गज क्रिकेटर ने रिटायर होने की सलाह दी थी — और उन्होंने क्यों उस सलाह को मानने से इनकार कर दिया।
तिहरे शतक के बाद भी उपेक्षा
2016 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में करुण नायर ने 303* की पारी खेलकर इतिहास रच दिया था। वीरेंद्र सहवाग के बाद वह दूसरे भारतीय बल्लेबाज़ बने जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ा। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि इस उपलब्धि के बावजूद उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले। अगला टेस्ट वह नहीं खेल पाए और धीरे-धीरे टीम इंडिया से बाहर हो गए।
सलाह जो चुभ गई
करुण नायर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि जब उन्हें लगातार टीम से बाहर किया जा रहा था और घरेलू क्रिकेट में भी अनदेखा किया जा रहा था, तब एक पूर्व सीनियर खिलाड़ी ने उन्हें मिलने बुलाया। उस दिग्गज ने कहा —
"तुम्हें अब रिटायरमेंट के बारे में सोचना चाहिए। शायद यही सही समय है।"
ये शब्द सुनकर करुण को बहुत झटका लगा। उनके मुताबिक:
"मुझे समझ नहीं आया कि कोई मेरे जैसे खिलाड़ी, जिसने देश के लिए तिहरा शतक लगाया हो, उसे ऐसा कह कैसे सकता है। मैं अभी भी फिट हूं, खेलना चाहता हूं, और मेरा सपना अधूरा है।"
क्यों नहीं मानी सलाह?
करुण ने बताया कि उन्होंने खुद से सवाल किया — क्या वो क्रिकेट से प्यार करते हैं? क्या उनका शरीर अब भी उनका साथ देता है? क्या उनमें फिर से भारत के लिए खेलने की चाह है? और हर सवाल का जवाब था — हां।
उन्होंने ठान लिया कि वो हार नहीं मानेंगे। उनका कहना है:
"एक सलाह किसी का करियर तय नहीं कर सकती। मैं तब तक खेलूंगा जब तक मेरे अंदर जूनून और जज्बा जिंदा है।"
वापसी की जिद्द
करुण नायर ने घरेलू क्रिकेट में अपने प्रदर्शन से खुद को साबित करने की कोशिश की है। रणजी ट्रॉफी में वह कर्नाटक के लिए लगातार खेल रहे हैं और IPL में भी अपनी मौजूदगी बनाए रखने की कोशिश करते हैं।
हाल ही में उन्होंने कहा:
"मैं बस एक मौका चाहता हूं। मैं जानता हूं कि मुझसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी, और मैं इसके लिए तैयार हूं।"
फैंस का समर्थन और सोशल मीडिया की भूमिका
करुण नायर की ये भावनात्मक कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। कई फैंस ने BCCI और चयनकर्ताओं से सवाल पूछे — क्यों एक तिहरे शतकवीर को मौका नहीं मिल रहा? क्या हमारे सिस्टम में कुछ खामियां हैं?
करुण की कहानी: प्रेरणा या सिस्टम की विफलता?
करुण नायर की ये कहानी दो बातों को उजागर करती है:
एक खिलाड़ी की मानसिक ताकत और जुनून, जो किसी भी सलाह या रुकावट से हार नहीं मानता।
भारतीय क्रिकेट चयन प्रणाली पर सवाल, जो कभी-कभी टैलेंट और परफॉर्मेंस से ज़्यादा 'परसेप्शन' और 'मैच फिट स्कीम' को महत्व देती है।

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