ये दिन है जब 'योग' सिर्फ व्यायाम नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक संकल्प बन जाता है।
योग का अर्थ – जब हम खुद से मिलने निकलते हैं
आज की दुनिया भाग रही है – तेज़, बेकाबू, और अनजानी मंज़िलों की तरफ।
लेकिन योग…
योग कहता है "रुक जा, सांस ले, तू अभी भी ज़िंदा है।"
"योग करना मतलब खुद को वो सुनना… जो कभी आवाज़ ही नहीं करता।" — एक बुज़ुर्ग साधक की बात।
भारत की मिट्टी से निकली, विश्व की शांति बनी
जहां दुनिया gym में six-pack गिन रही है, भारत के गाँवों में आज भी
सूर्य नमस्कार, ताड़ासन और ध्यान सिखाया जाता है — बिना किसी membership के।
और आज, वो गांव वाला योग
अमेरिका की सड़क से लेकर जापान की छतों तक पहुंच चुका है।
"Yoga is India's gift to the soul of the world." — UN General Assembly
गांव-गांव में योग – मिट्टी की गंध के साथ
-
छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासी बच्चे हाथ जोड़कर ध्यान कर रहे हैं।
-
हरियाणा के खेतों में किसान सुबह 5 बजे प्राणायाम कर रहे हैं।
-
लद्दाख की बर्फ़ में सैनिक वज्रासन में बैठकर अपने ज़हन को शांत कर रहे हैं।
ये सिर्फ पोस्टर नहीं, ये जिंदा भारत है।
शहर की आपाधापी में भी मिला ठहराव
कॉर्पोरेट दफ्तरों में आज वर्कशॉप हो रही है —
लोग मोबाइल बंद कर ध्यान कर रहे हैं।
Inner Peace अब सिर्फ Instagram का हैशटैग नहीं,
ये अब अंदर की खामोशी बन चुका है।
बच्चों के लिए योग – अब स्कूल की घंटी से पहले होता है ध्यान
UP Board हो या ICSE,
अब किताबों से पहले बच्चों को सिखाया जा रहा है —
"ध्यान दो खुद पर, marks बाद में आएंगे"
"ध्यान लगाना सीखा है, अब चिल्लाते नहीं हम..." — 7 साल की Muskaan ने मुस्कुराते हुए कहा।
विदेशों में भी भारत की आत्मा झलक रही है
-
न्यू यॉर्क के Central Park में 10,000 लोग एक साथ योग कर रहे हैं।
-
पेरिस के Eiffel Tower के नीचे योगा मैट बिछ चुकी है।
-
Australia, Brazil, Kenya, Russia – सब कह रहे हैं:
"Namaste India, thank you for Yoga."
योग अब ट्रेंड नहीं, ज़रूरत बन चुका है
कोरोना ने सिखा दिया –
फेफड़े से बड़ी कोई दौलत नहीं और
मन से बड़ा कोई डॉक्टर नहीं।
आज भी जिसको anxiety है, stress है, हार्ट की दिक्कत है, वो Gym नहीं,
"शांति" ढूंढ रहा है – और वो सिर्फ योग में मिलती है।
योग – जब तू झुकता है, तो Ego टूटती है
योग वो जगह है जहां
-
तू खुद से मिलता है
-
Past छोड़ता है
-
Future को अपनाता है
-
और वर्तमान में "अब मैं ठीक हूं" कह पाता है
-
ये है सिर्फ भारत का नहीं, मानवता का पर्व
-
योग अगर शरीर का प्रशिक्षण है, तो आत्मा का उद्धार भी है
- और यही कारण है कि 2025 में भी, उम्मीद है कि Yoga Day एक बार फिर दुनिया भर में सबसे ज़्यादा celebrate किया जाने वाला आध्यात्मिक आयोजन बनेगा।

Comments
Post a Comment